sher-o-shayari
Saturday, 29 December 2012
beti mehfooz kahan hai ?
दिल खामोश है , बंद जुबां है ..,
शर्म से झुकी गर्दन पे हर वक़्त लटकी तलवार सी है ..
साँसों पे भी गहरा पहरा , परिवार के अन्दर भी खतरा ...
अपने पिता क घर में भी नहीं, तो बेटी महफूज़ कहाँ है ????
Friday, 7 December 2012
kaun dur kaun paas
बड़ी अजीब हैं ये "दोस्ती" की तरतीबें (arrangement ) "फज़ल" ..
तुम साथ रह कर भी नावाकिफ ही रह गए ,
वो दूर से ही मेरे " हाल-ए -दिल " से वावस्ता हो लिए !!!
तरतीब--- arrangement/system
नावाकिफ --- unaware
वावस्ता -- to be able to relate/understand
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