sher-o-shayari
Saturday, 29 December 2012
beti mehfooz kahan hai ?
दिल खामोश है , बंद जुबां है ..,
शर्म से झुकी गर्दन पे हर वक़्त लटकी तलवार सी है ..
साँसों पे भी गहरा पहरा , परिवार के अन्दर भी खतरा ...
अपने पिता क घर में भी नहीं, तो बेटी महफूज़ कहाँ है ????
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment