"फज़ल" ऐतबार करें तो किस पर ?
सब नज़रों में बिन चढ़े ही उतर जाते हैं
ना जाने कितने चहरे हैं यहाँ लोगों के
हर पल यहाँ तो, इंसान बदल जाते हैं !!
सब नज़रों में बिन चढ़े ही उतर जाते हैं
ना जाने कितने चहरे हैं यहाँ लोगों के
हर पल यहाँ तो, इंसान बदल जाते हैं !!
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