Monday, 19 November 2012

chehre!!

"फज़ल" ऐतबार करें तो किस पर ?

सब नज़रों में बिन चढ़े ही उतर जाते हैं 



ना जाने कितने चहरे हैं यहाँ लोगों के
हर पल यहाँ तो, इंसान बदल जाते हैं  !!

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