though unwillingly ,
we come across certain situations in life where we have to quesn the
insticts of our relations with our loved ones ! !
Believe me thats the testing time 4 any relation . Here is a query being put in front of a man and the Almighty ...
तू कभी तो खुशीयाँ दो-चार बक्श देता है
बदले में गमभी तो हज़ार देता है
होठों के बरीचोंस इ मुस्कान अभी ख़तम भी ना हुई थी
की पलकों पर आंसूकी बूँदें सजा दी तुमने ?
सपने तो दिखाता है बड़े रंगीन खुशरंग वाले
उनके पूरा होने से पहले ही नींद से जगा देता है तू .
मुझसे कहते हो " मेरा बंदा है तू "
और शिकायत करने का हक़ भी नहीं देता ? :(
ये कैसा रिश्ता है अपना ख़ुदा ?
ये कैसा रिश्ता है अपना ?
Believe me thats the testing time 4 any relation . Here is a query being put in front of a man and the Almighty ...
तू कभी तो खुशीयाँ दो-चार बक्श देता है
बदले में गमभी तो हज़ार देता है
होठों के बरीचोंस इ मुस्कान अभी ख़तम भी ना हुई थी
की पलकों पर आंसूकी बूँदें सजा दी तुमने ?
सपने तो दिखाता है बड़े रंगीन खुशरंग वाले
उनके पूरा होने से पहले ही नींद से जगा देता है तू .
मुझसे कहते हो " मेरा बंदा है तू "
और शिकायत करने का हक़ भी नहीं देता ? :(
ये कैसा रिश्ता है अपना ख़ुदा ?
ये कैसा रिश्ता है अपना ?
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